दोस्तों 26 साल का एक लड़का हाथ में ताजे सब्जियों का थैला लेकर एक बड़े बंगले के सामने खड़ा होता है यह बंगला उसकी बहन का है जो खुद एक एसपी है और उसका पति डीएम है लड़का नर्वस होकर वॉचमैन से कहता है मालकिन से मिलवा इए मैं उनका भाई हूं लेकिन वॉचमैन उसकी हालत देख समझ नहीं पाता कि यह लड़का सच में उसका भाई है फिर भी वह अंदर जाकर डीएम साहब और उनकी पत्नी को बताता है कुछ ही देर में दोनों बाहर आते हैं जैसे ही डीएम साहब की पत्नी अपने दरवाजे पर उस लड़के को देखती है वह ताने भरे लहजे में कहती है हां कौन हो तुम मैं तो तुम्हें नहीं पहचानती
हूं यह सुनते ही लड़के के चेहरे पर सन्नाटा छा जाता है उसकी आंखों में दर्द और हैरानी साफ झलकती है वह अपनी बहन को एक बार फिर से देखता है लेकिन उसकी आंखों में सवाल होते हैं क्या यह मेरी बहन है लड़का गहरी सांस लेते हुए कहता है मालकिन लगता है गलती हो शायद मैं किसी और को ढूंढ रहा था और गलत एड्रेस पर आ गया वह अपनी नम आंखों के साथ हिम्मत जुटा हुए धीरे-धीरे वहां से चला जाता है वही दरवाजे पर खड़ी बहन यह सब देख रही थी उसका दिल किसी भारी बोझ से दबा जा रहा था दोस्तों क्यों अपनी ही भाई को बहन ने पहचानने से मना किया क्या इसके पीछे
कोई गहरी वजह थी इस दिलचस्प और इमोशन कहानी की पूरी सच्चाई जानने के लिए वीडियो को अंत तक जरूर देखें लेकिन कहानी में आगे बढ़ने से पहले वीडियो पर लाइक करके चैनल को जरूर सब्सक्राइब कर लें ताकि हमारा हौसला बढ़ता रहे दोस्तों उत्तर प्रदेश के आगरा में एक परिवार रहता था इसमें माता-पिता और दो बच्चे थे बड़ा लड़का दीपक और छोटी लड़की अनु दोनों बच्चे स्कूल जाते थे और माता-पिता मेहनत करके उनकी पढ़ाई में पैसे लगाते थे लेकिन जब दीपक 12वीं में पहुंचा तो उसने पढ़ाई से मना कर दिया उसने अपने माता-पिता से कहा माम बापा जीी यह पढ़ाई मुझे समझ में नहीं आती आप अनु को
ही पढ़ाइए वह पढ़ने में बहुत होशियार है माता-पिता को यह सुनकर बहुत गुस्सा आया वे चाहते थे कि उनके बच्चे बड़े अफसर बने लेकिन बेटा पढ़ाई छोड़ने की बात कर रहा था दीपक के पिता उसे समझाने की कोशिश करते हैं लेकिन दीपक साफ कह देता है मुझसे यह नहीं होगा मैं नहीं पढ़ना चाहता अब उसके पिता मजबूर हो जाते हैं और दीपक को दिल्ली भेजने का फैसला करते हैं दिल्ली में उनके एक दोस्त रहते थे दीपक को वही काम पर लगा देना चाहते थे दीपक दिल्ली चला जाता है और वहां अपने पिता के दोस्त के साथ सब्जियों का काम शुरू कर देता है लेकिन कुछ समय बाद
दीपक को एक बुरी खबर मिलती है उसके माता-पिता का एक हादसे में निधन हो जाता है और उसकी बहन अनु अकेली रह जाती है दीपक बहुत दुखी होता है लेकिन फिर भी वह अपने घर लौटता है और माता-पिता का अंतिम संस्कार करता है अब दीपक और अनु अकेले रह गए थे दीपक अपनी बहन की पढ़ाई को जारी रखने के लिए उसे दिल्ली ले आता है वह अपनी बहन को अपने पिता के दोस्त के घर पर रखता है और खुद भी वही रहता है धीरे-धीरे दीपक सब्जियां बेचकर अपनी बहन की पढ़ाई जारी रखता है कुछ समय बाद अनु की ग्रेजुएशन पूरी हो जाती है अब अनु यूपीएससी की तैयारी करने की बात करती है दीपक खर्चे के
बारे में पूछता है तो अनु बताती है कि उसे हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करनी होगी जिससे खर्चा बढ़ जाएगा अब दीपक अपने माता-पिता के घर को गिरवी रख देता है ताकि अपनी बहन की पढ़ाई का खर्चा पूरा कर सके वह अपनी बहन से कहता है कोई चिंता की बात नहीं है तुम पढ़ाई करो मैं हूं ना सब कुछ ठीक कर दूंगा अनु अपने भाई को गले लगाकर कहती है भैया अगर आप नहीं होते तो मेरा क्या होता यह सुनकर दीपक का दिल भर आता है लेकिन वह अपनी बहन को उत्साहित करता है अनु हॉस्टल में र कर दिन रात मेहनत करती है और कभी-कभी भाई से बात भी करती है उसकी मेहनत रंग लाती है और वह यूपीएससी की परीक्षा
पास कर आईपीएस अफसर बन जाती है जब अनु को सफलता मिलती है तो वह खुशी-खुशी अपने भाई को बताती है दीपक अपने पुराने काम की जगह मिठाई बांटने लगता है क्योंकि उसकी बहन अब एक आईपीएस अफसर बन चुकी है कुछ दिनों बाद अनु ट्रेनिंग के लिए चली जाती है और ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उसकी पोस्टिंग एक बड़े शहर में हो जाती लेकिन उसके बाद से दीपक और अनु की बातें काफी कम हो जाती है अन अब एक बड़ी अधिकारी बन चुकी थी और उसे बहुत काम होते थे तो दीपक इसे समझता है और उसे ज्यादा परेशान नहीं करता फिर एक दिन अनु का फोन दीपक के पास आता है और वह उसे बताती है भैया मैं
शादी कर रही हूं जहां पर मैं काम करती हूं वही के कलेक्टर साहब से मैं शादी कर रही हूं दीपक उसे पूछता है बहन कब शादी है और कहां पर शद करोगी मुझे बताओ मैं कब आऊ लेकिन अन कहती है भैया हमारी शादी कोर्ट मैरिज होगी हम सबके सामने शादी नहीं करना चाहते दीपक को यह सुनकर बहुत बुरा लगता है क्योंकि उसने अपनी बहन की शादी के लिए बहुत सारे सपने संजोए थे लेकिन उसे समझ आता है कि उसकी बहन एक बड़ी अधिकारी है तो उसकी शादी भी वैसी ही होनी चाहिए वह चुपचाप रह जाता है और अपनी बहन के फैसले का सम्मान करता है समय बीतता और लगभग दो साल हो जाते हैं अन की दीपक से
बातें बहुत कम हो जाती हैं वह अक्सर बहाने बनाकर बात टाल देती है और जब दीपक अपने जीजा से बात करने को कहता है तो वह कहती है कि वे बिजी है बाद में बात करवा देगी दीपक को यह सुनकर बहुत बुरा लगता है लेकिन वह सोचता है कि हो सकता है वह सच में बिजी हो फिर कुछ दिन बाद दीपक को याद आता है कि उसकी बहन का बर्थडे आने वाला है पिछले तीन सालों से उन्होंने अपना बथ बथ एक साथ नहीं मनाया था दीपक इस बार अपनी बहन को सरप्राइज देना चाहता है वह फोन नहीं करता क्योंकि पिछले साल जब उसने बर्थडे मनाने के लिए कहा था तो अनू ने मना कर दिया था
इस बार वह अपनी बहन से मिलने का तय करता है वह अपने पुराने कपड़े पहनकर उस शहर के लिए निकल पड़ता है जहां उसकी बहन रहती है रास्ते में वह सोचता है बहन को देखूंगा तो बहुत खुश होगी और मैं भी देखूंगा कि मेरे जीजा कैसे होंगे वोह शहर पहुच जाता है और अपनी बहन के घर की तलाश करने लगता है उसे पता था कि डीएम साहब का घर बड़ा और मशहूर होता है तो उसे ढूंढना आसान था वह रिक्शा वाले से कहता है मुझे सबसे पहले मंडी ले चलो मुझे वहां से कुछ ताज सब्जियां खरीदनी है मंडी से ताज सब्जियां खरीदने के बाद दीपक फिर से रिक्शा लेकर डीएम साहब के घर
पहुंचता है जैसे ही वह गेट पर पहुंचता है वॉचमैन उससे पूछता है तुम कौन हो तुम्हें किससे मिलना है दीपक के चेहरे पर खुशी की चमक थी वह चकते हुए कहता है क्या यह घर डीएम साहब का है वॉचमैन कहता है हां यह डीएम साहब का घर है लेकिन तुम बताओ तुम यहां क्या करने आए हो क्या तुम सब्जी बेचने के लिए आए हो दीपक हंसते हुए कहता है नहीं मैं सब्जी बेचने के लिए नहीं आया मैं अपनी बहन से मिलने आया हूं दीपक कहता दरअसल जो आपके डीएम साहब की पत्नी है मैं उनका भाई हूं आप उन्हें बुला दीजिए मैं उनसे मिलना चाहता हूं यह सुनकर वॉचमैन उसे ऊपर नीचे देखकर चुपचाप सोचने लगता है उसे
यह यकीन नहीं होता कि दीपक जैसे आदमी का डीएम साहब की पत्नी से कोई रिश्ता हो सकता है लेकिन फिर वह सोचता है हो सकता है कोई जानकार हो और वह अंदर जाकर बताता है सर बाहर एक लड़का आया है उसकी उम्र करीब 26 साल है और वह सब्जियों का थैला लेकर खड़ा है वह कह रहा है कि वह आपकी बहन का भाई है और आपसे मिलना चाहता है डीएम साहब यह सुनकर चौक जाते हैं और सोचने लगते हैं क्या यह सच है क्या उसका कोई भाई है लेकिन इससे पहले कि वह कुछ बोल पाते अनु कह देती है ठीक है तुम उसे रोक कर रखो मैं आकर देखती हूं कि वह कौन है कुछ देर बाद अनु और शेखर उसके पति बाहर आते हैं जैसे ही
अनु अपनी गेट पर खड़े दीपक को देखती है तो वह तुरंत कहती है तुम कौन हो और तुम्हें किससे मिलना है दीपक को यह सुनकर बहुत बड़ा झटका लगता है वह सोचने लगता है यह मेरी बहन क्या कह रही है लेकिन इससे पहले कि वह कुछ बोल पाता अनु कह देती है देखिए भाई साहब आपको गलतफमी हो गई है मैं तो बचपन से ही अनाथी अब मेरी इनसे शादी हो गई है तो मेरा परिवार यही है मेरा कोई भाई नहीं है यह सुनकर दीपक के होश उड़ जाते हैं वह सोचता है क्या मेरी बहन अब इन चका चौध में खो गई है क्या वह मुझे भूल गई है उसे बहुत बुरा बुरा लगता है लेकिन फिर वह गहरी सांस लेता है और कहता है हां मैम
साहब आप मेरी बहन नहीं हो दरअसल मुझसे गलती हो गई शायद मैं गलत एड्रेस पर आ गया हूं यह कहकर दीपक अपनी आंसू छुपाते हुए धीरे-धीरे मुड़ जाता है और वहां से चला जाता है अनु अपने कमरे में चली जाती है और कमरे के अंदर बंद होकर फूट फूट कर रोने लगती है शेखर जो अनु के इस व्यवहार को देखता है उसे शक होने लगता है वह सोचता है क्या मेरी पत्नी सच में मुझे कुछ छुपा रही है शेखर को दीपक की आंखों में देखे गए आंसू और अन का यह बर्ताव दोनों ही अजीब लगे थे वह बाहर जाकर वॉचमैन से पूछता है वह लड़का कौन था और यहां क्यों आया था वॉचमैन बताता है साहब वह लड़का पूछ रहा था
कि यह डीएम साहब का घर है या नहीं फिर उसने कहा कि वह आपकी पत्नी की बहन है और उनसे मिलने आया है यह सुनकर शेखर का शक और गहरा हो जाता है वह सोचता है कुछ तो गड़बड़ है शेखर अपनी पत्नी के कमरे के दरवाजे के बाहर खड़ा हो जाता है और कान लगाकर सुनता है अंदर अनु के रोने की आवाज सुनकर उसे यकीन हो जाता है कि उसकी पत्नी उससे कुछ छुपा रही है दोस्तों जब अनु और शेखर की पहली मुलाकात हुई थी तो अनु ने शेखर से यह नहीं बताया था कि उसका भाई सब्जी बेचता है उसने शेखर से कह दिया था कि वह अनाथ है ताकि शेखर को यह ना पता चले कि उसके भाई की हालत कैसी है खैर अपने भाई
के जाने के बाद अनु अकेले कमरे में बंद होकर अभी भी फूट फूट कर रो रही थी और उसे महसूस हुआ कि उसने अपने भाई को बहुत दूर कर दिया है तभी शेखर उसके पति ने उसकी आंसुओं को देखा और उसे समझाया कि अगर तुम कुछ छुपा रही हो तो खुलकर मुझे बता सकती हो दोस्तों इसके बाद अन ने पूरी सच्चाई बताई कि वह सब्जी बेचने वाले परिवार से है और मुझे डर था कि आप जानकर क्या सोचेंगे तभी शेखर ने उसे समझाया छोटा बड़ा कोई नहीं होता इंसान इंसान होता है तुमने गलती की है और अब अपने भाई को माफी मांगकर वापस बुलाओ अनु ने फोन मिलाई लेकिन दीपक ने फोन नहीं उठाया फिर शेखर ने उसे अपना फोन देते
हुए कहा कि तुम मेरे नंबर से कॉल करो क्योंकि तुम्हारा भाई तुमसे नाराज होगा इसलिए तुम्हारा कॉल नहीं उठा रहा है फिर अनु ने डीएम साहब के फोन से कॉल की और जैसे ही दीपक ने फोन उठाया अनू ने रोते हुए माफी मांगी दीपक ने कहा अगर तुम मुझे पहले बता देती तो मैं कभी तुम्हारी जिंदगी में नहीं आता लेकिन मैं तुम्हारे बर्थडे पर मिलना चाहता था अब मैं वापस नहीं आऊंगा पर तुम जब चाहो मुझे मिलने आ सकती हो शेखर ने फिर फोन लेकर दीपक को कहा आप चिंता मत करो आप वापस आ जाओ आपकी बहन छोटी है उसकी गलतियों को माफ करो और आकर हमें अपने दर्शन दो दीपक ने फोन पर कहा ठीक है जीजा
जी मैं आ रहा हूं और फिर दीपक अपने बहन के घर लौट आया जब दीपक गेट पर पहुंचा तो अनु ने उसे गले लगा लिया और माफी मांगी उसने कहा भैया मुझे माफ कर दो मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी है दीपक यह सुनकर अपनी बहन को माफ कर दिया और उसे गले लगा लिया तभी अनु के पति डीएम साहब ने कहा अब सारी बातें तुम दोनों यहीं पर खत्म करोगे या हमें मेहमान नवाजी का मौका भी दोगे फिर इसके बाद सब लोग घर के अंदर चले गए और दीपक ने अपनी बहन को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी घर में खुशी का माहौल था फिर इसके बाद शेखर और अनु ने दीपक को सब्जी बेचने के काम से छुटकारा दिलाया और एक अच्छा सा बिजनेस
शुरू करवा दिया दीपक ने शादी भी की और अब वह अपनी पत्नी के साथ खुशी से रहने लगा अब उसकी बहन और जीजा उससे बार-बार मिलने आते हैं और जब भी पुरानी बातें होती व सते हुए उन्हें याद करते हैं यह कहानी हमें यह सिखाती है कि रिश्ते हमें कभी भी किसी के पैसे या सामाजिक स्थिति से नहीं देखनी चाहिए इंसानियत और प्यार सबसे ज्यादा मायने रखते हैं दोस्तों अगर आपको यह कहानी पसंद आई हो तो कृपया वीडियो को लाइक करें और चैनल को सब्सक्राइब करें ताकि हम ऐसे ही और प्रेरणादायक वीडियो लाते रहे जय हिंद जय भारत
News
मेरी मेड पिछले दो महीने से मेरे घर पर काम कर रही है, और हर सुबह वह 4 बजे उठकर बाहर जाती है। जब मैं उससे पूछती हूँ कि वह इतनी सुबह कहाँ जा रही है, तो वह कहती है कि वह एक्सरसाइज़ करने जा रही है, लेकिन वह हमेशा अपने साथ एक काला प्लास्टिक बैग रखती है।/hi
मेरी हाउसकीपर दो महीने से मेरे लिए काम कर रही थी, जब वह हर सुबह 4 बजे उठकर बाहर जाने…
मुझे लगा था कि एक बड़े आदमी से शादी करना बहुत बुरा होगा, लेकिन अचानक, अपनी शादी की रात, मैंने जल्दी से नहाया और आराम करने के लिए बिस्तर पर चली गई। मुझे हैरानी हुई, उसने मुझे जगाया और पाँच ऐसे शब्द कहे जिनसे मैं काँप उठी…/hi
मुझे लगा था कि एक बड़े आदमी से शादी करना बहुत बुरा होगा, लेकिन अचानक, हमारी शादी की रात, मैंने…
वह काफी देर तक चुप रहा। फिर उसने अपना बटुआ खोला और उसमें से फटी हुई पीली पड़ी एक तस्वीर निकाली।/hi
मुंबई के मार्च के आसमान में, ऊंची इमारतों पर हल्की धुंध और बारीक धूल छाई हुई थी, हवा ऑफिस में…
पति अपनी मालकिन को घर ले आया और अपनी पत्नी पर चिल्लाया, “तुम इस हवेली में रहने के लायक नहीं हो!”; कुछ ही मिनट बाद, पत्नी एक नोट लेकर आई, मालकिन वहीं बेहोश हो गई, और पूरा परिवार यह देखकर हैरान रह गया कि अंदर क्या था…/hi
मेरे पति अपनी मिस्ट्रेस को घर ले आए और मुझ पर चिल्लाए, “तुम इस विला में रहने के लायक नहीं…
मैं अपने बॉस के साथ एक हफ़्ते के लिए मुंबई बिज़नेस ट्रिप पर गया था। जब मैं घर पहुँचा, तो उनकी पत्नी ने मुझे 5 करोड़ रुपये दिए। मैंने खुशी-खुशी उन्हें ले लिया और ऑफिस से निकल गया…/hi
मैं अपने बॉस के साथ एक हफ़्ते के लिए मुंबई बिज़नेस ट्रिप पर गया था। जब मैं घर पहुँचा, तो…
मैं अपनी 4 साल की बेटी को अपने नए पति के घर ले गई, लेकिन उसने जाने से बिल्कुल मना कर दिया। इसलिए मैंने दोनों परिवारों के सामने अपनी शादी की ड्रेस उतार दी और शादी कैंसल कर दी।/hi
मैं अपनी 4 साल की बेटी को अपने नए पति के घर ले गई, लेकिन उसने जाने से बिल्कुल मना…
End of content
No more pages to load






