धर्मेंद्र के जाने के बाद जो हेमा मालिनी आज फूट-फूट कर रो रही हैं। उन्होंने कभी धर्मेंद्र के साथ सभी रिश्ते तोड़ देने का फैसला कर लिया था। दोस्तों, बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी ने एक समय अपने पति धर्मेंद्र से तलाक लेने के बारे में सोच लिया था। जी हां, बिल्कुल सही सुना आपने। वो हेमा मालिनी जिन्होंने अपने पूरी दुनिया से लड़ाई लड़ी थी। समाज के खिलाफ जाकर शादी की थी। वही हेमा मालिनी धर्मेंद्र को छोड़ना चाहती थी। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जिस रिश्ते के लिए इतना कुछ दांव पर लगाया गया वह रिश्ता ही खत्म होने के कगार पर आ गया। क्या सच में हेमा ने

धर्मेंद्र को उनके आखिरी दिनों में अकेला छोड़ दिया था? आज हम आपको बताएंगे वह पूरी कहानी जो अब तक किसी ने नहीं बताई तो बने रहिए। इस वीडियो के साथ आखिर तक दोस्तों धर्मेंद्र और हेमा मालिनी का नाम जब भी साथ लिया जाता है तो लोगों के मन में एक परफेक्ट कपल की तस्वीर उभरती है। लेकिन हकीकत कुछ और ही थी। पिछले कुछ सालों से धर्मेंद्र की सेहत को लेकर अक्सर खबरें आती रहती हैं और हर बार यही सवाल उठता है कि आखिर हेमा उनके साथ क्यों नहीं रहती? क्यों धर्मेंद्र अपने फार्म हाउस में अकेले रहते हैं और हेमा मुंबई में अपनी बेटियों के साथ हैं। क्या सच में उनके बीच

की दूरी इतनी बढ़ गई थी कि तलाक की नौबत आ गई या फिर यह सिर्फ मीडिया की बनाई हुई कहानी है। आज हम इन सभी सवालों के जवाब देंगे। लेकिन उससे पहले आपको ले चलते हैं। उस दौर में जहां से यह सब शुरू हुआ था दोस्तों। आज जब हम धर्मेंद्र को देखते हैं तो एक बड़े सुपरस्टार की छवि दिखाई देती है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि धर्मेंद्र की शुरुआत एक बेहद साधारण परिवार से हुई थी। पंजाब के एक छोटे से गांव का यह लड़का जिसके पास ना तो कोई फिल्मी बैकग्राउंड था ना ही कोई गॉडफादर। बस एक सपना था। बड़े पर्दे पर अपनी पहचान बनाने का गांव में सिनेमा के पोस्टर देखकर

यह लड़का घंटों खड़ा रह जाता था और सोचता था कि काश एक दिन मैं भी इस दुनिया का हिस्सा बन सकूं। कभी मैं भी अपनी एक्टिंग से लोगों को अपना दीवाना बनाऊं और मेरे भी इतने बड़े-बड़े पोस्टर दीवारों पर लगे। अब धर्मेंद्र ने हीरो बनने का सपना तो देख लिया था लेकिन यह सपना उतना आसान नहीं था जितना दिखता था। धर्मेंद्र ने कई बार अपनी मां से कहा कि उन्हें मुंबई जाना है। फिल्मों में अपनी किस्मत आजमानी है। लेकिन घर वालों को लगता था कि यूं बस एक बचकाना ख्वाब है जो समय के साथ खत्म हो जाएगा। मगर धर्मेंद्र के दिल में यह आग इतनी तेज

थी कि एक दिन उन्होंने फैसला कर लिया। घर की थोड़ी बहुत बचत लेकर बिना किसी को बताए वह निकल पड़े। मुंबई की ओर सपनों की इस नगरी में कदम रखते ही उन्हें एहसास हो गया कि सपने देखना जितना आसान है उन्हें पूरा करना उससे कहीं ज्यादा मुश्किल है। महीनों तक चक्कर लगाए ऑडिशन दिए। लेकिन कोई उन्हें मौका देने को तैयार नहीं था। कई लोगों ने तो सीधे मना कर दिया कि तुम हीरो नहीं बन सकते। तुम तो बिल्कुल गांव के लड़के लगते हो और यह तो सिर्फ छोटी-मोटी बातें थी आर्थिक रूप से। धर्मेंद्र को जो परेशानी हो रही थी वह अलग। बिना काम और पैसे के मुंबई जैसे बड़े शहर में गुजारा

करना कितना मुश्किल होता है यह कोई सोच भी नहीं सकता था लेकिन जैसे तैसे धर्मेंद्र ने ना अपने सपने को मरने दिया और ना ही अपने हौसले को धर्मेंद्र ने कभी हार नहीं मानी उन्होंने अपने संघर्ष को अपनी ताकत बनाया और एक दिन वो मौका मिल ही गया जब धर्मेंद्र पहली बार बड़े पर्दे पर दिखे तो उनकी शख्सियत ने सबको मोह लिया उनका वो मासूम चेहरा वो दमदार आवाज और वह जबरदस्त एक्टिंग सब कुछ परफेक्ट था धीरे-धीरे फिल्में आती गई और धर्मेंद्र की पॉपुलैरिटी बढ़ती गई। लोग उन्हें ही मैन कहने लगे क्योंकि उनमें वह सब कुछ था जो एक परफेक्ट हीरो में होना चाहिए। एक्शन

करते थे तो सीटियां बजती थी। रोमांस करते थे तो दिलों पर राज करते थे। धर्मेंद्र सिर्फ एक एक्टर नहीं बल्कि एक इमोशन बन गए थे। उस दौर के लोग तो धर्मेंद्र के इस कदर दीवाने थे कि नौजवान लड़के उनकी तरह कपड़े पहनते हैं। उनकी तरह हेयर स्टाइल करते जबकि लड़कियां उनकी तस्वीरों को अपने तकिए के नीचे रखकर सोती थी। कुछ ने तो धर्मेंद्र को अपना पति भी मान लिया था और यह तक कह दिया था कि वह धर्मेंद्र के सिवा और किसी से प्यार नहीं कर सकती। जी हां, इस तरह की दीवानगी धर्मेंद्र के लिए देखने को मिल रही थी। धर्मेंद्र के करियर की इस ऊंचाई के दौरान उनकी पर्सनल लाइफ में भी

बदलाव आ रहे थे। उनकी शादी प्रकाश कौर से हो चुकी थी और वह एक जिम्मेदार पति और पिता की भूमिका निभा रहे थे। उनके चार बच्चे थे। सनी देओल, बॉबी देओल और दो बेटियां, घर परिवार, करियर सब कुछ साथ चल रहा था। धर्मेंद्र अपने परिवार को हर सुख सुविधा दे रहे थे और अपने बच्चों को अच्छी परवरिश दे रहे थे। बाहर से देखने पर सब कुछ एकदम परफेक्ट लग रहा था। एक खुशहाल परिवार, एक सफल करियर और एक सुकून भरी जिंदगी। लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। जल्द ही धर्मेंद्र की जिंदगी में एक ऐसा तूफान आने वाला था जो सब कुछ बदल कर रख देगा। दोस्तों, फिल्मों में काम

करते-करते एक दिन धर्मेंद्र की मुलाकात हुई। हेमा मालिनी से उस दौर की सबसे खूबसूरत और टैलेंटेड एक्ट्रेस जिसे लोग ड्रीम गर्ल कहते थे। हेमा मालिनी का अंदाज, उनकी खूबसूरती, उनकी एक्टिंग सब कुछ इतना लाजवाब था कि हर कोई उनका दीवाना था। जब धर्मेंद्र और हेमा पहली बार साथ में स्क्रीन पर दिखे तो लोगों ने महसूस किया कि यह जोड़ी कुछ अलग है। दोनों के बीच की केमिस्ट्री इतनी शानदार थी कि लोग सोचने लगे कि शायद यह जोड़ी सिर्फ रियल लाइफ की नहीं बल्कि रियल लाइफ की भी बन सकती है। धर्मेंद्र और हेमा ने साथ में कई फिल्में की और धीरे-धीरे दोनों के बीच की

नजदीकी बढ़ती गई। जो शुरुआत में सिर्फ एक प्रोफेशनल रिश्ता था वो अब कुछ और बनता जा रहा था सेट पर। दोनों साथ में घंटों बातें करते शूटिंग के बाद भी साथ वक्त बिताते और यह सब धीरे-धीरे लोगों की नजरों में आने लगा। मीडिया ने इस पर खबरें छापनी शुरू कर दी कि धर्मेंद्र और हेमा के बीच कुछ चल रहा है। लोग बातें करने लगे कि क्या धर्मेंद्र अपनी पत्नी को छोड़कर हेमा के साथ रहना चाहते हैं? यह खबरें जब धर्मेंद्र के घर तक पहुंची तो माहौल बदल गया। प्रकाश कौर को जब यह सब पता चला तो वह टूट गई। उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उनके साथ ऐसा होगा। उनके बच्चे भी अब

समझने लगे थे कि उनके घर में कुछ गड़बड़ है। पिता किसी और के करीब हो रहे हैं और मां रोज-रोज आंसू बहा रही हैं। घर का सुकून गायब हो गया था और एक तनाव भरा माहौल बन गया था। धर्मेंद्र खुद भी इस स्थिति से परेशान थे। एक तरफ उनका परिवार था जिसके साथ उन्होंने इतने साल गुजारे थे और दूसरी तरफ हेमा थी जिनके बिना अब वह अपनी जिंदगी की कल्पना नहीं कर पा रहे थे। धर्मेंद्र और हेमा का यह रिश्ता अब छुपा नहीं रह गया था। पूरी फिल्म इंडस्ट्री में इसकी चर्चा होने लगी थी। हर अखबार में उनकी तस्वीरें छपने लगी। हर पत्रिका में उनके रिश्ते पर आर्टिकल आने लगे। लोग

अलग-अलग राय देने लगे। कुछ कहते थे कि प्यार में सब जायज है तो कुछ कहते थे कि धर्मेंद्र गलत कर रहे हैं। वह अपने परिवार के साथ धोखा कर रहे हैं। लेकिन इन सबसे ज्यादा विरोध हुआ। हेमा के घर से हेमा के पिता इस रिश्ते के सख्त खिलाफ थे। वह बिल्कुल नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी एक शादीशुदा आदमी के साथ रहे। वह भी जिसके चार बच्चे हो। हेमा के पिता ने कई बार उन्हें समझाया कि यह फैसला उनकी जिंदगी बर्बाद कर देगा। समाज उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेगा और वह हमेशा दूसरी औरत की तरह देखी जाएंगी। लेकिन हेमा ने अपने दिल की सुनी। उन्होंने कहा कि वह धर्मेंद्र से

सच्चा प्यार करती हैं और उनके बिना नहीं रह सकती। यह सुनकर उनके पिता बेहद नाराज हुए लेकिन हेमा अपने फैसले पर अडिग रहीं। धर्मेंद्र भी अब यह तय कर चुके थे कि वह हेमा के साथ रहना चाहते हैं। लेकिन समस्या यह थी कि वह पहले से शादीशुदा थे। उस दौर में तलाक लेना इतना आसान नहीं था। अगर धर्मेंद्र तलाक लेते तो उनका परिवार पूरी तरह से टूट जाता। उनके बच्चों पर बुरा असर पड़ता और समाज में भी उनकी इमेज खराब होती। इसलिए धर्मेंद्र ने एक अलग रास्ता चुना जो उस समय बेहद विवादास्पद था। उन्होंने अपना धर्म बदलने का फैसला किया ताकि वह कानूनी तौर पर दूसरी शादी कर

सकें। यह खबर जब बाहर आई तो पूरे देश में हंगामा मच गया। लोग कहने लगे कि धर्मेंद्र ने सिर्फ शादी करने के लिए अपना धर्म बदल दिया। यह कितनी शर्मनाक बात है। सन 1980 में धर्मेंद्र और हेमा ने शादी कर ली। यह शादी बेहद सादगी से हुई। लेकिन इसके पीछे की कहानी बेहद जटिल थी। एक तरफ हेमा के फैंस खुश थे कि उनकी पसंदीदा एक्ट्रेस को उनका प्यार मिल गया। लेकिन दूसरी तरफ बहुत से लोग इस शादी को गलत बता रहे थे। मीडिया में भी इस पर खूब बहस हुई। कुछ लोग धर्मेंद्र और हेमा के प्यार को सपोर्ट कर रहे थे तो कुछ उन्हें गलत बता रहे थे। लेकिन इन सबके बीच धर्मेंद्र और हेमा ने

अपनी नई जिंदगी शुरू कर दी। शादी के बाद हेमा और धर्मेंद्र को दो बेटियां हुई। ईशा देओल और अहाना देओल घर में खुशियां आई और नई जिंदगी की शुरुआत हुई। हेमा ने कई इंटरव्यू में कहा कि धर्मेंद्र बहुत प्यार करने वाले पति हैं और बेहतरीन पिता भी। वह अपनी बेटियों का बहुत ख्याल रखते हैं और उन्हें हर खुशी देने की कोशिश करते हैं। बाहर से देखने पर सब कुछ बिल्कुल परफेक्ट लग रहा था। लेकिन अंदर ही अंदर एक तूफान आने वाला था जो इस रिश्ते को हिला कर रख देगा। दोस्तों शादी के शुरुआती कुछ सालों में सब कुछ ठीक चलता रहा लेकिन धीरे-धीरे

कुछ बदलने लगा। धर्मेंद्र को अपने दोनों परिवारों के बीच बैलेंस बनाना पड़ता था। एक तरफ हेमा और उनकी बेटियां थी तो दूसरी तरफ उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर और उनके बच्चे सनी बॉबी और दो बेटियां धर्मेंद्र चाहते थे कि वह दोनों परिवारों को बराबर समय दें। लेकिन यह काम उतना आसान नहीं था। जब वो एक परिवार के साथ होते तो दूसरा परिवार उनकी कमी महसूस करता। खासकर हेमा को यह बात बहुत खलती थी कि धर्मेंद्र उनके साथ पूरा समय नहीं बिता पाते। कभी-कभी दिनों तक धर्मेंद्र घर नहीं आते थे। वो या तो अपने काम में व्यस्त रहते या फिर अपने दूसरे परिवार के साथ समय बिताते, हेमा

अकेली रह जाती और उन्हें यह सब बिल्कुल पसंद नहीं था। वह चाहती थी कि धर्मेंद्र सिर्फ उनके और उनकी बेटियों के साथ रहें। लेकिन धर्मेंद्र अपने पहले परिवार को भी छोड़ नहीं सकते थे। आखिर वो उनके बच्चे थे और उनके प्रति भी उनकी जिम्मेदारी थी। यही वह बात थी जो धीरे-धीरे धर्मेंद्र और हेमा के बीच दूरी बनाने लगी। हेमा को लगने लगा कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी धर्मेंद्र पर लगा दी। अपने परिवार से लड़ाई की समाज के खिलाफ जाकर शादी की लेकिन बदले में उन्हें पूरा प्यार नहीं मिल रहा। वह सोचती थी कि अगर धर्मेंद्र सच में उनसे प्यार

करते हैं तो उन्हें अपना पूरा समय उन्हें देना चाहिए। लेकिन धर्मेंद्र की अपनी मजबूरियां थी। वह दोनों परिवारों को खुश रखना चाहते थे। लेकिन यह संभव नहीं हो पा रहा था। नतीजा यह हुआ कि दोनों परिवार नाखुश थे और धर्मेंद्र खुद इस तनाव के बीच फंसे हुए थे। धीरे-धीरे स्थिति इतनी बिगड़ गई कि धर्मेंद्र और हेमा ने अलग-अलग घरों में रहने का फैसला कर लिया। यह फैसला किसी एक दिन में नहीं लिया गया बल्कि सालों की कड़वाहट और दूरी का नतीजा था। धर्मेंद्र मुंबई के अपने पुराने घर में रहने लगे। जहां प्रकाश कौर भी रहती थी। वहीं हेमा मालिनी अपनी बेटियों ईशा और अहाना के साथ

जूहू टो में अलग घर में रहने लगी। यह बात जब बाहर आई तो लोगों को बड़ा झटका लगा। सबको लगता था कि धर्मेंद्र और हेमा एक परफेक्ट कपल हैं। लेकिन हकीकत कुछ और ही थी। लोग सवाल उठाने लगे कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि शादी के इतने सालों बाद दोनों अलग रहने लगे? क्या उनके बीच लड़ाई हो गई? क्या रिश्ते में अब प्यार नहीं रहा? क्या धर्मेंद्र हेमा को धोखा दे रहे हैं? मीडिया में भी इस पर खूब चर्चा हुई और तरह-तरह की अटकलें लगाई जाने लगी। कुछ लोग कहने लगे कि धर्मेंद्र ने हेमा को छोड़कर वापस अपनी पहली पत्नी के पास चले गए हैं तो कुछ कहने लगे कि हेमा ने ही धर्मेंद्र

को घर से निकाल दिया है। हेमा ने कई इंटरव्यू में इस बारे में सफाई दी। उन्होंने कहा कि वह और धर्मेंद्र भले ही अलग रहते हो लेकिन उनका रिश्ता टूटा नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यह उनका पर्सनल फैसला है और लोगों को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं थे। सबको लगता था कि कुछ तो गड़बड़ है जो दोनों छुपा रहे हैं और सच तो यही था कि दोनों के बीच की दूरी सिर्फ घरों की नहीं थी बल्कि दिलों की भी थी। दोस्तों अब बात आती है उस मोड़ पर जो इस पूरी कहानी का सबसे अहम हिस्सा है क्या? सच में हेमा मालिनी ने धर्मेंद्र से तलाक लेने के बारे

में सोचा था। कुछ करीबी सूत्रों का कहना है कि हेमा कई बार इतनी परेशान हो जाती थी कि उन्होंने यह फैसला लगभग कर लिया था। वह सोचती थी कि अगर धर्मेंद्र उन्हें समय नहीं दे सकते, अगर वह हमेशा दोनों परिवारों के बीच बंटे रहेंगे तो फिर इस रिश्ते का क्या मतलब है? उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी धर्मेंद्र को दे दी थी और बदले में वह एक आधी अधूरी जिंदगी जी रही थी। हेमा को यह भी लगने लगा था कि शायद उन्होंने गलत फैसला लिया था। शायद उन्हें अपने पिता की बात माननी चाहिए थी और एक शादीशुदा आदमी से शादी नहीं करनी चाहिए थी। उन्होंने समाज से लड़ाई लड़ी थी। अपने

परिवार से दूर हुई थी और अब जो मिला वह सिर्फ तनहाई और दुख था। कई बार वह सोचती थी कि अगर वह तलाक ले लें तो शायद उन्हें सुकून मिल जाए। कम से कम वह इस दोहरी जिंदगी से तो आजाद हो जाएंगी। जहां उनका पति कभी उनके साथ होता है तो कभी किसी और के साथ। लेकिन तलाक लेना इतना आसान नहीं था। एक तो उनकी दो बेटियां थी जिनका भविष्य दांव पर था। अगर वह तलाक लेती तो समाज में उनकी और उनकी बेटियों की क्या इमेज बनती। दूसरा उनका अपना करियर था जो अभी भी चल रहा था। तलाक की खबर आने पर मीडिया में क्या तूफान आता और उनकी इमेज पर क्या असर पड़ता। तीसरी और सबसे बड़ी

बात यह थी कि दिल के किसी कोने में अभी भी धर्मेंद्र के लिए प्यार बाकी था। वह चाहकर भी खुद को पूरी तरह से अलग नहीं कर पा रही थी। समय बीतता गया और धर्मेंद्र की उम्र भी बढ़ती गई। अब वह बूढ़े हो रहे थे और उनकी सेहत पर भी असर पड़ने लगा था। कभी कभार उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता था। ऐसे मौकों पर उनके दोनों परिवार उनके साथ होते थे। सनी देओल, बॉबी, देओल, ईशा देओल और अहाना देओल सब अपने पिता को देखने आते थे। प्रकाश कौर भी वहां होती थी और हेमा मालिनी भी। लेकिन यह नजारा देखने में जितना खूबसूरत लगता था अंदर से उतना

ही जटिल था। दोनों परिवारों के बीच एक अजीब सी खामोशी रहती थी। सब एक दूसरे से मिलते थे, बात करते थे। लेकिन वह अपनापन कहीं नहीं था। एक औपचारिकता थी जो सबको मजबूरी में निभानी पड़ती थी। धर्मेंद्र खुद भी इस स्थिति से बहुत परेशान रहते थे। वह चाहते थे कि उनके सभी बच्चे एक साथ मिलजुलकर रहें। लेकिन हकीकत कुछ और ही थी। सनी और बॉबी अपनी सौतेली बहनों ईशा और अहाना से मिलते जरूर थे। लेकिन उनके बीच वह गहरा रिश्ता नहीं था जो भाई बहनों में होना चाहिए। धर्मेंद्र की सेहत धीरे-धीरे बिगड़ती गई। उन्हें कई बीमारियों ने घेर लिया और वह ज्यादातर समय घर पर या अस्पताल

में बिताने लगे। फिल्में करना तो उन्होंने बहुत पहले ही छोड़ दिया था। अब तो वह बस अपनी जिंदगी के आखिरी दिन गुजार रहे थे। ऐसे में सवाल यह उठने लगा कि धर्मेंद्र अपने आखिरी दिन किसके साथ बिताएंगे? हेमा के साथ या प्रकाश कौर के साथ कौन उनकी देखभाल करेगा और कौन उनके आखिरी पलों में उनके साथ होगा। दोस्तों, यह सवाल सिर्फ घर की चारदीवारी तक सीमित नहीं रहा बल्कि मीडिया और सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा होने लगी। लोग अपनी-अपनी राय दे रहे थे कि धर्मेंद्र को किसके साथ रहना चाहिए। कुछ लोग कहते थे कि उन्हें हेमा के साथ रहना चाहिए क्योंकि वह उनकी दूसरी पत्नी है तो

कुछ कहते थे कि नहीं उन्हें प्रकाश कौर के साथ रहना चाहिए क्योंकि वह उनकी पहली और असली पत्नी है लेकिन सच यह था कि यह फैसला सिर्फ धर्मेंद्र का था और कोई दूसरा इसमें दखल नहीं दे सकता था। धर्मेंद्र खुद इस उलझन में थे। वह दोनों परिवारों से प्यार करते थे और किसी को भी दुखी नहीं करना चाहते थे। लेकिन जिंदगी ने उन्हें ऐसी स्थिति में डाल दिया था जहां हर फैसला मुश्किल था। अगर वह हेमा के साथ रहते तो प्रकाश कौर और उनके बच्चे दुखी होते। अगर वह प्रकाश कौर के साथ रहते तो हेमा और उनकी बेटियां दुखी होती। यह एक ऐसी स्थिति थी जिसका कोई आसान हल नहीं था। हाल ही में

जब धर्मेंद्र की तबीयत बिगड़ी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया तो दोनों परिवार वहां पहुंचे। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत गंभीर है और परिवार को तैयार रहना चाहिए। यह सुनकर सबके होश उड़ गए। हेमा रोने लगी। प्रकाश कौर की आंखों में भी आंसू आ गए। बच्चे सब परेशान हो गए। उस पल सबको एहसास हुआ कि चाहे कितनी भी दूरियां हो, चाहे कितनी भी कड़वाहट हो, लेकिन धर्मेंद्र सबके दिलों में थे और सब उन्हें प्यार करते थे। दोस्तों, उस अस्पताल के कमरे में जब हेमा ने धर्मेंद्र को बिस्तर पर बेहाल देखा, तो उनका दिल पिघल गया। सारी नाराजगी, सारी कड़वाहट, सब

कुछ एक पल में खत्म हो गई। उन्हें एहसास हुआ कि तलाक के बारे में सोचना कितनी बड़ी गलती थी। यह वही इंसान है जिसे वह इतना प्यार करती थी जिसके लिए उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी दांव पर लगा दी थी। भले ही उन्हें पूरा समय नहीं मिला। भले ही उन्हें दूसरे परिवार के साथ बांटना पड़ा लेकिन फिर भी यह रिश्ता उनके लिए बहुत मायने रखता था। हेमा ने धर्मेंद्र का हाथ पकड़ा और उनकी आंखों में आंसू आ गए। वह सोचने लगी कि अगर वह सच में तलाक ले लेती तो आज इस पल में वह यहां होती या नहीं? क्या उन्हें अपने पति को आखिरी पलों में देखने का हक मिलता नहीं? शायद नहीं। और यह सोचकर

ही उन्हें एहसास हो गया कि तलाक का ख्याल उनकी सबसे बड़ी गलती थी। प्यार में कभी-कभी समझौते करने पड़ते हैं। कभी-कभी अधूरेपन के साथ जीना पड़ता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि रिश्ता खत्म हो जाए। धर्मेंद्र ने भी अपनी कमजोर हालत में हेमा की तरफ देखा और उनकी आंखों में वह सारा प्यार देखा जो सालों से छुपा हुआ था। वह कुछ बोलना चाहते थे लेकिन बोल नहीं पा रहे थे। बस उनकी आंखें बोल रही थी कि वह हेमा को कितना प्यार करते हैं और उन्हें कितना मिस किया। हेमा ने उनका माथा चूमा और कहा कि आप ठीक हो जाओगे और हम फिर से साथ होंगे। उस पल सब कुछ भूल गए। दोनों ओर बस

प्यार बाकी रह गया दोस्तों। धर्मेंद्र और हेमा की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जिंदगी हमेशा परफेक्ट नहीं होती। कभी-कभी हमें ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं जो सबको खुश नहीं कर सकते। धर्मेंद्र ने अपनी जिंदगी में दो शादियां की और दोनों परिवारों को साथ लेकर चलने की कोशिश की। लेकिन यह काम इतना आसान नहीं था जितना लगता है। एक तरफ उनकी पहली पत्नी और उनके बच्चे थे जिन्हें उन्होंने कभी नहीं छोड़ा। दूसरी तरफ हेमा और उनकी बेटियां थी जिनसे वह बेहद प्यार करते थे। हेमा ने भी इस रिश्ते में बहुत कुछ खोया। उन्होंने अपने परिवार से लड़ाई की समाज के ताने

सुने और एक आधी अधूरी जिंदगी। जी कई बार उन्होंने तलाक के बारे में सोचा लेकिन दिल की गहराइयों में धर्मेंद्र के लिए प्यार इतना मजबूत था कि वह अलग नहीं हो सकी। आज जब धर्मेंद्र इस दुनिया में नहीं है तो उनके अंतिम दिन में जितनी तकलीफ प्रकाश कौर को हो रही थी उतनी ही तकलीफ हेमा मालिनी को भी हो रही थी। हेमा मालिनी धर्मेंद्र के अंतिम संस्कार से लेकर उनकी शोक सभा हर वक्त मौजूद रही। भले ही धर्मेंद्र की अंतिम यात्रा नहीं निकाली गई। उतना शोरशराबा नहीं किया गया जितना श्रीदेवी के निधन पर किया गया था। क्योंकि धर्मेंद्र खुद ऐसा चाहते थे कि जब वह इस

दुनिया से जाएं तो उनके सिर्फ करीबी लोग ही उनके पास हो और ऐसा ही हुआ। धर्मेंद्र का पहला परिवार यानी कि सनी देओल, बॉबी देओल और उनकी मां हमेशा हर पल धर्मेंद्र के साथ अस्पताल में मौजूद थी। जबकि हेमा मालिनी और उनकी बेटियों का वहां हमेशा आना-जाना लगा रहता था। वह कभी धर्मेंद्र को अकेला नहीं छोड़ती थी। लेकिन दुर्भाग्य से जिस धर्मेंद्र के लिए हेमा मालिनी ने सब कुछ छोड़ आज वह इस दुनिया को छोड़कर उनसे अलग हो गए हैं। लेकिन हेमा के मन में आज भी धर्मेंद्र के लिए वैसा ही प्यार है जैसा उन्होंने अपनी जवानी के दिन में किया था। जब उन्होंने प्यार की सारी हदें

तोड़कर अपने पिता से लड़ाई करके धर्मेंद्र को अपना जीवन साथी चुना था। धर्मेंद्र की जिंदगी एक सबक है। हम सबके लिए वह एक महान एक्टर थे। एक सफल इंसान थे। लेकिन अपनी पर्सनल लाइफ में उन्होंने कई मुश्किलों का सामना किया। उन्होंने दो परिवारों को संभाला। दोनों को प्यार दिया लेकिन कभी किसी को पूरा नहीं दे पाए और यही उनकी सबसे बड़ी त्रासदी थी। हेमा भी अपनी जगह सही थी। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी एक ऐसे इंसान को दे दी जो कभी पूरी तरह से उनका नहीं हो सका। लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने रिश्ते को बचाए रखा। तो दोस्तों, यह थी धर्मेंद्र और हेमा मालिनी

की वह कहानी जो बहुत कम लोग जानते हैं। यह कहानी हमें बताती है कि प्यार हमेशा परफेक्ट नहीं होता। कभी-कभी उसमें दर्द भी होता है, समझौते भी होते हैं और अधूरापन भी होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि प्यार खत्म हो जाता है। हेमा ने तलाक के बारे में सोचा जरूर लेकिन वह कभी उस कदम को उठा नहीं पाई क्योंकि दिल के किसी कोने में धर्मेंद्र के लिए प्यार अभी भी जिंदा था। बाकी अगर आपको यह वीडियो पसंद आया हो तो वीडियो को लाइक करें। चैनल को सब्सक्राइब जरूर कर लें और कमेंट में बताएं कि आप धर्मेंद्र और हेमा के इस रिश्ते के बारे में क्या सोचते हैं मिलते

हैं।