“मैं चाहता हूँ कि तुम बच्चे का गर्भपात करा लो। वह तो बस मेरी असली खुशी में रुकावट है। तुम यह समझती हो, है ना?”

एड्रियन के वे शब्द — वह आदमी जिसके साथ मरिटेस पाँच साल से रह रही थी — बिजली की तरह थे, जिसने भरोसे की आख़िरी डोर को काट दिया। अब वह और उसके गर्भ में पल रहा बच्चा एड्रियन के लिए सिर्फ़ एक बोझ बन गए थे।

टगायताय की बरसाती रात। मरिटेस ठंडी फ़र्श पर बैठी थी, अपने धीरे-धीरे गोल होते पेट को थामे हुए। बैठक में, एड्रियन था—धीमी आवाज़ में एक औरत से बात कर रहा था, जिसके बारे में मरिटेस को अंदाज़ा लगाने की ज़रूरत नहीं थी। अब उसमें सवाल पूछने की ताक़त नहीं बची थी—सब कुछ साफ़ था।

उसने सब कुछ क़ुर्बान कर दिया था: नौकरी छोड़ दी, एड्रियन को टगायताय में रेस्टोरेंट खोलने में मदद की, हर बार अपने अहंकार को दबाया। लेकिन जब रेस्टोरेंट सफल हुआ, तो उसने सबसे पहले यही सुना: “मैं तुमसे अब प्यार नहीं करता।”

शुरुआत में उसने सोचा कि वह सह लेगी। बच्चे की वजह से। लेकिन जब एड्रियन ने अल्ट्रासाउंड की तस्वीर कूड़े में फेंक दी और ठंडे स्वर में कहा: “यह मुझे करने दो, ख़र्च मैं उठा लूँगा,” तब उसे समझ आ गया कि अब लौटने का कोई रास्ता नहीं बचा।

उसने चुपचाप अपने पास बचाए हुए कुछ कपड़े और थोड़े पैसे बैग में रख लिए। जाने से पहले उसने दीवार पर टंगी शादी की तस्वीर देखी और फुसफुसाई: “अब मैं रोऊँगी नहीं।”

वह बस पकड़कर सेबू चली गई—एक इतना बड़ा शहर कि उसमें छिप सके, इतना दूर कि फिर कभी सामना न हो, और इतना शांत कि नई शुरुआत की जा सके।

जब वह पहुँची, तब वह पाँच महीने की गर्भवती थी। न घर था, न परिवार, न नौकरी—सिर्फ़ अपने बच्चे के लिए जीने की जलती हुई चाह थी।

वह पियर के पास एक करिंदेरिया (छोटा भोजनालय) में वेट्रेस बन गई। मालिकिन, आलिंग पिलार, को उस पर तरस आया और उन्होंने उसे रसोई के पीछे वाले छोटे कमरे में रहने दिया। “औरत की ज़िंदगी ऐसी ही होती है, कभी-कभी बहुत हिम्मत दिखानी पड़ती है,” वह हमेशा कहती थीं।

अक्टूबर में उसने ज़िले के अस्पताल में जुड़वां बेटियों को जन्म दिया। उसने उनके नाम रखा—अमिहान और लिवाय—इस उम्मीद में कि उनकी ज़िंदगी शांत और स्थिर होगी।

सात साल बीत गए। अब वह कॉलन स्ट्रीट पर एक छोटे फूलों की दुकान की मालिक बन चुकी थी, जिससे तीनों का गुज़ारा हो जाता था। दोनों बेटियाँ बहुत होशियार थीं—अमिहान चंचल थी, लिवाय गंभीर—और दोनों अपनी माँ से बेहद प्यार करती थीं।