दोस्तों सुबह के 11 बजे थे एक बुजुर्ग व्यक्ति साधारण कपड़ों में हाथ में एक पुराना लिफाफा लिए एक बड़े बैंक में दाखिल होते हैं जैसे ही वह बैंक में कदम रखते हैं हर कोई उनकी ओर घूरने लगता है बैंक में अमीर लोग सूट बूट पहने ग्राहक और ऊंचे पदों पर बैठे कर्मचारी मौजूद थे और यह बुजुर्ग व्यक्ति वहां सबसे अलग दिख रहा था लोग फुसफुसाना लगे यह भिखारी यहां क्या कर रहा है इस बैंक में इसका अकाउंट कैसे हो सकता है लेकिन उस बुजुर्ग व्यक्ति ने किसी की परवाह नहीं की और धीरे-धीरे काउंटर की तरफ बढ़ गए उनका नाम था रघुनाथ प्रसाद उनकी चाल धीमी थी लेकिन इरादे मजबूत थे वे बैंक
बैंक मैनेजर ने बुजुर्ग को बाहर निकाला | लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो पैरों  तले ज़मीन खिसक गई! - YouTube
के कस्टमर सर्विस काउंटर पर पहुंचे जहां एक महिला कर्मचारी बैठी थी नेहा लेकिन जैसे ही उन्होंने अपनी समस्या बतानी चाही तो बैंक के लोग उनके कपड़ों को देखकर उन्हें जज करने लगे क्या इस बुजुर्ग व्यक्ति के पास कुछ ऐसा था जो सबको हैरान कर सकता था क्या यह सच में कोई साधारण आदमी था या इसके पीछे कोई छुपी हुई सच्चाई थी पूरी कहानी जानने के लिए वीडियो को अंत तक जरूर देखें रघुनाथ प्रसाद शांत स्वभाव से बोले बेटी मेरे अकाउंट में कुछ समस्या आ रही है कृपया इसे देख लो नेहा बुजुर्ग व्यक्ति की वेशभूषा को देखकर घबरा जाती है और कहती है बाबा मुझे नहीं नहीं लगता कि
आपका अकाउंट इस बैंक में होगा रघुनाथ प्रसाद मुस्कुरा करर जवाब देते हैं बेटी एक बार देख तो लो शायद हो सकता है नेहा अनमने ढंग से उनका लिफाफा लेती है और कहती है ठीक है बाबा लेकिन इसमें टाइम लगेगा आपको इंतजार करना होगा बैंक में बैठे कस्टमर्स और स्टाफ उनके बारे में तरह-तरह की बातें करने लगे लगता है कोई भिखारी बैंक में आ गया है इतना बड़ा बैंक इसमें इसका खाता कैसे हो सकता है रघुनाथ प्रसाद सब कुछ सुन रहे थे लेकिन उन्होंने चुप रहना बेहतर समझा बैंक में रोहन नाम का एक जूनियर कर्मचारी था जो छोटे मोटे काम संभालता था जब वह बैंक में
आया तो उसने देखा कि सब लोग उस बुजुर्ग व्यक्ति का मजाक उड़ा रहे हैं उसे यह देखकर बहुत दुख हुआ वह बुजुर्ग व्यक्ति के पास गया और आदर पूर्वक पूछा बाबा आपको क्या काम है रघुनाथ प्रसाद बोले बेटा मुझे बैंक मैनेजर से मिलना है कुछ जरूरी बात करनी है रोहन तुरंत बैंक मैनेजर अमित वर्मा के केबिन में गया और कहा सर एक बुजुर्ग व्यक्ति आपसे मिलना चाहते हैं मैनेजर बिना उनकी बात सुने चिड़कर जवाब देता है ऐसे लोगों के लिए मेरे पास टाइम नहीं है बिठा दो थोड़ी देर बाद खुद ही चले जाएंगे रोहन को यह सुनकर बहुत बुरा लगता है लेकिन वह कुछ नहीं कहता रघुनाथ प्रसाद
बैंक मैनेजर ने बुजुर्ग को बाहर निकाला | लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो पैरों  तले ज़मीन खिसक गई! - YouTube
एक घंटे तक वेटिंग एरिया में बैठे रहते हैं अब उनका धैर्य जवाब देने लगा था वह उठते हैं और मैनेजर के केबिन की ओर बढ़ते हैं मैनेजर उन्हें दरवाजे पर ही रोकता है और असभ्य लहजे में पूछता है हां बाबा बताओ क्या काम है रघुनाथ प्रसाद शांत लहजे में कहते हैं बेटा मेरे अकाउंट में कुछ समस्या आ रही है क्या तुम इसे देख सकते हो मैनेजर बिना चेक किए ही जवाब देता है बाबा जिनके अकाउंट में पैसे नहीं होते उनके साथ ऐसा ही होता है आपने भी पैसे नहीं जमा किए होंगे इसलिए आपका अकाउंट बंद हो गया है लेकिन रघुनाथ प्रसाद एक बार फिर विनम्रता से कहते हैं बेटा एक बार चेक तो
कर लो मैनेजर हंसते हुए कहता है मैं लोगों के चेहरे देखकर बता सकता हूं कि किसके अकाउंट में कितने पैसे होंगे और फिर गुस्से में कहता है कि वह बैंक छोड़कर चले जाए रघुनाथ प्रसाद अपना लिफाफा टेबल पर रख कर कहते हैं ठीक है बेटा लेकिन इसे एक बार जरूर देख लेना इसके बाद वे बैंक से चले जाते हैं लेकिन रोहन को यह बात ठीक नहीं लगती वह लिफाफे को उठाकर बैंक के कंप्यूटर में रघुनाथ प्रसाद का अकाउंट चेक करता है और जो उसने देखा उसे देखकर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई रघुनाथ प्रसाद इस बैंक के सबसे बड़े शेयर होल्डर थे 70 प्र बैंक के
शेयर उन्हीं के नाम पर थे मतलब बैंक के असली मालिक वही थे रोहन भागता हुआ बैंक मैनेजर के पास गया और रिपोर्ट उसकी टेबल पर रख दी लेकिन मैनेजर ने उसे देखने से भी मना कर दिया दूसरे दिन रघुनाथ प्रसाद फिर से बैंक आए लेकिन इस बार उनके साथ एक सूट बूट पहना व्यक्ति भी था जिसके हाथ में एक फाइल थी जैसे ही वे बैंक में दाखिल हुए सभी कर्मचारियों और ग्राहकों की नजरें उन पर टिक गई बैंक मैनेजर थोड़ा घबराया लेकिन फिर भी उसने सोचा कि यह क्या कर सकते हैं तभी रघुनाथ प्रसाद ने अपनी असली पहचान उजागर की और कहा मैं इस बैंक का 70 प्रत शेयर होल्डर हूं इसका असली मालिक और
तुम्हें मैनेजर के पद से हटाया जा रहा है तुम्हारी जगह रोहन को नया बैंक मैनेजर बनाया जा रहा है मैनेजर बोखला गया और गिड़गिड़ा लगा मुझे माफ कर दीजिए सर लेकिन रघुनाथ प्रसाद शांत लहजे में बोले माफी उन लोगों को दी जाती है जो अपनी गलती सुधारने के लिए तैयार हूं बैंक के सभी लोग हैरान रह गए दोस्तों इस कहानी से हमें एक बहुत बड़ी सीख मिलती है इंसान को उसके कपड़ों से नहीं उसकी काबिलियत से परखो अगर आपको यह कहानी पसंद आई तो लाइक करें कमेंट करें और वीडियो को शेयर करें मिलते हैं अगली प्रेरणादायक कहानी के साथ जा हिंद