एक अरबपति जल्दी घर आता है और अपनी मंगेतर पर काबू पा लेता है, जिसे वह बचपन में अपनी गोद ली हुई माँ मानता था… सिर्फ़ एक वाक्य ने शादी रोक दी
लिफ़्ट के दरवाज़े धीरे-धीरे खुले, और ऐसा लगा जैसे ईथन के लिए दुनिया रुक गई हो। वह जो ब्रीफ़केस उठाए हुए था, वह मार्बल के फ़र्श पर गिर गया। उसका दिल लगभग रुक ही गया जब उसने उस इंसान को देखा जिसे उसने कभी ऐसी हालत में देखने की उम्मीद नहीं की थी—उसकी माँ, मारिया—घुटने टेककर, खुरदुरे कपड़े से फ़र्श पोंछ रही थी।
“माँ?” उसने हैरानी से लगभग फुसफुसाते हुए कहा। “आप… घुटने टेककर क्यों बैठी हैं?”
अचानक वह मुड़ा, उसकी आँखों में डर भर गया जैसे वह किसी जुर्म में पकड़ा गया हो। “ईथन! बेटा… तुम बहुत जल्दी आ गए—”
लेकिन इससे पहले कि वह पास पहुँच पाता, एक आवाज़ ने बीच में टोक दिया।
“मारिया! मुझे तुम्हें कितनी बार कहना पड़ेगा—गेस्ट बाथरूम खत्म करने से पहले—”
इथन की मंगेतर, एवलिन, रुक गई। और जब उसने देखा कि इथन उसे देख रहा है, तो उसका टोन बदल गया। उसके चेहरे का कॉन्फिडेंस धीरे-धीरे घबराहट में बदल गया।
“ई-इथन… हनी। उम… तुम इतनी जल्दी क्यों उठ गए?”
इथन हिला नहीं। उसकी नज़र तेज़ थी। “मेरी मम्मी फ़र्श पर क्या कर रही हैं?”
एवलिन ने कंधे उचकाए, साफ़ तौर पर बहाना ढूंढ रही थी। “खैर… उसने अपनी मर्ज़ी से मदद की। मैंने उससे कहा कि उसे—”
“रुको।”
यह सिर्फ़ एक शब्द था, लेकिन बर्फ़ जैसा ठंडा था।
मारिया खड़ी हो गई, उसके हाथ कांप रहे थे। “बेटा, मैं ही चाहती हूँ। शादी महंगी है, और मैं बोझ नहीं बनना चाहती—”
“मॉम,” इथन ने धीरे से कहा, लेकिन जब उसे शर्मिंदगी महसूस हुई और उसने एवलिन की तरफ़ देखा तो उसकी बात कट गई।
“क्या तुमने मेरी माँ के साथ नौकरानी जैसा बर्ताव किया?”
एवलिन ने अपनी बाहें क्रॉस कर लीं, साफ़ तौर पर बिना हिले-डुले। “वह… सभ्य नहीं है, ईथन। उसे नहीं पता कि हाई-क्लास घर में ठीक से कैसे पेश आना है। मैं तो बस उसे गाइड कर रहा था। किसी को तो करना ही पड़ता है।”
“गाइड?” उस आदमी की आवाज़ नफ़रत से भरी थी। “उससे फ़र्श साफ़ करवाकर?”
एवलिन ने मज़ाक उड़ाया। “अरे, कम ऑन। ऐसे बर्ताव मत करो जैसे वह तुम्हारी असली माँ हो। उसने तुम्हें अभी-अभी गोद लिया है। उसने तुम्हें चैरिटी केस बना दिया है। अब तुम अरबपति हो—अगर वह यहाँ रहना चाहती है, तो कम से कम वह मुफ़्तखोरी करने के बजाय काम की तो हो सकती है।”
उस पल, पूरी दुनिया ठंडी पड़ गई।
ईथन हिला नहीं। मारिया भी कुछ नहीं बोली। लेकिन आँसू धीरे-धीरे उसके गालों पर बह रहे थे।
ऐसा लग रहा था कि एयर कंडीशनर भी बंद हो गया था।
ईथन धीरे-धीरे एवलिन के पास गया। वह चिल्लाया नहीं। उसका दिमाग़ नहीं खराब हुआ। लेकिन उसके कदम भारी थे, जैसे हर कदम उस औरत के ज़मीर को झकझोर रहा हो।
“मेरी माँ,” उसने धीरे से कहा, “इस दुनिया में अकेली ऐसी इंसान हैं जिन्होंने मुझे तब प्यार किया जब मेरे पास कुछ भी नहीं था। तब जब मेरे पास पैसा नहीं था। तब जब मेरा कोई नाम भी नहीं था।”
एवलिन ज़ोर से हँस पड़ी, हिम्मत जुटाने की कोशिश कर रही थी। “ड्रामा मत करो। मैं बस—”
“एवलिन।”
ईथन की एक नज़र—और औरत पीली पड़ गई।
“तुमने अभी उस औरत की बेइज्ज़ती की जिसने मेरी जान बचाई। वह औरत जिसने तीन नौकरियाँ कीं ताकि मैं पढ़ सकूँ। वह औरत जिसने मुझे घर दिया जब कोई और मुझे नहीं चाहता था।”
एवलिन ने हँसने की कोशिश करते हुए सिर हिलाया। “ठीक है, ठीक है। मैं माफ़ी माँगूँगी। खुश? हम दो हफ़्ते में शादी कर रहे हैं, ईथन। एक गलतफहमी की वजह से इसे बर्बाद मत करो।”
ईथन ने अपनी उंगली में अंगूठी पर एक नज़र डाली।
बस एक पल।
लेकिन सबके लिए इतना ही काफ़ी था।
“मैं किसी ऐसे इंसान से शादी नहीं कर रहा हूँ,” उसने धीमी लेकिन भारी आवाज़ में कहा, “जो सोचता है कि अच्छाई कमज़ोरी है।”
एवलिन की आँखें चौड़ी हो गईं। “तुम मज़ाक कर रहे हो। ईथन—रुको। रुको! तुम्हारी हिम्मत मत करना—”
उसने सगाई की अंगूठी निकाली। उसने उसे ईवलिन को ऐसे दिखाया जैसे वह उसके सारे सपने लौटा रहा हो जो उसने सोचे थे।
ईथन ने कहा, “शादी खत्म हो गई है।”
बस एक लाइन—लेकिन बस उसी ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।
—
उसके बाद…
एवलिन रोई, गिड़गिड़ाई, लेकिन ईथन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह अपनी माँ के पास गया, उसे धीरे से सहारा देते हुए।
“माँ… चलो घर चलते हैं,” उसने धीरे से कहा।
“लेकिन बेटा… हम कहाँ हैं—”
“जहाँ भी तुम खुश हो,” उसने जवाब दिया। “मेरा घर ऐसी जगह नहीं होगा जहाँ तुम्हारे साथ बुरा बर्ताव किया जाए।”
जब वे गांव के अपने पुराने घर लौटे—वह घर जिसे एथन ने कभी छोटा और बेकार समझा था—तो उसे एक अलग एहसास हुआ। शांत। सुकून भरा।
और वहां, पुराने लकड़ी के सोफे पर, खिड़की के पास, जहां से हवा में पत्ते नाच रहे थे, मारिया बैठी थी और अपने बेटे का हाथ पकड़े हुए थी।
“बेटा… मैंने तुमसे कभी अमीर बनने के लिए नहीं कहा। मेरा बस एक ही सपना था… एक अच्छा इंसान बनना।”
एथन मुस्कुराया, उसकी आंखों में आंसू थे। “और यही आपने मुझे सिखाया, मॉम।”
अगले दिन, किसी ने उनका दरवाज़ा खटखटाया। जब दरवाज़ा खुला, तो एक बूढ़ा आदमी था, जिसके हाथ में फलों की टोकरी थी।
“एथन?” उसने पूछा। “मैं मैंग लैंडो हूं… तुम्हारा पहले का पड़ोसी। मैंने सुना कि तुम वापस आ गए हो। मैं बस कहना चाहता था… घर में स्वागत है।”
एथन मुस्कुराया।
बहुत समय बाद पहली बार…
ऐसा लगा जैसे वह सच में घर आ गया हो।
और उसके बगल में, अकेली औरत जिसने उसे कभी दान-पुण्य की तरह नहीं माना—बल्कि बेटी की तरह माना।
और यही वह खज़ाना है जिसे कोई भी पैसा नहीं खरीद सकता।
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