बड़े दिनों से कोशिश कर रहा था मैं आपका पीछा किए जा रहा हूं। जय सुंदर और एक साल के बाद आप मेरे कब्जे में आ ही गए। आप मैं भी आपके प्रोग्राम बड़े गौर से देखा करता था। करता हूं। अभी भी देखता हूं। बहुत इंटरेस्टिंग होते हैं और आपके सवाल भी बड़े तीखे नरम गरम होते हैं। तो आपसे एक बात कहूंगा प्रभु जी के जायजा जायज हो नाजायज नहीं। तनकीद तनकीद हो तंज नहीं। सोच लेना हर बात कहने से पहले घाव तलवार का भर जाता है लफ्ज का नहीं फिलहाल तो मेरे को कर ये सबके लिए मेरे लिए भी हर हर सुनने वाले के लिए पर सवाल ये है कि आप राजनीति के अखाड़े
में उतर गए और लोग कहते हैं भूमिशुदा की तलाश आपको ढूंढते रहते हैं आपको वोटर और वहां फेल हो गए आप आपने कहा कि अखाड़े में उतर गए मैं कहूं कि मुझे अखाड़े में लाया गया है और और ये गुमशुदगी की जो बात है मैं आपको अच्छी तरह एक्सप्लेन करता हूं कि मैं कभी मैंने सोचा भी नहीं था कि मैं सियासत में आऊंगा। लेकिन एक जुमला किसी सियासतदान का कि मेरे जैसे अच्छे लोग नहीं आएंगे तो देश का उद्धार कैसे होगा? तो यानी कि मैं देश का उद्धार करने चला आया। मैं जानते हुए भी कि पिछले 50 60 साल में क्या हुआ है? हम कहां पहुंचे हैं? मैंने सोचा शायद मैं कुछ कर पाऊं।
लेकिन गुमशुदा जो लोग कहते हैं वो भी सही बात है। मैं काम कर रहा हूं। दिल्ली में रहकर कर रहा हूं। जयपुर में कर रहा हूं और काम अच्छे खासे काम हो रहे हैं। लगा था ना थाने में पोस्टर किशदा के हमारा एमपी गायब हो गया। वो तो किसी फिल्म से मेरा लगा के उन्होंने लगा दिया होगा। फिल्मों में होता है। लेकिन फिर भी वहां के लोग मुझे बहुत चाहते हैं। और मेरे ख्याल से अटल जी जैसे महान इंसान उनको देखकर मैं आया हूं। उन्होंने बहुत कुछ मेरे ख्याल से हिंदुस्तान बड़ी अच्छी खासी तरक्की कर रहा था। पाकिस्तान से ताल्लुकात सुधरने लगे थे। सड़कों का
बहुत से प्लानिंग जो उनकी थी कामयाब थे। मुझे ऐसा लग रहा है कि बीजेपी की पिक्चर 25वें हफ्ते में उतार दी गई। ये जुबली नहीं। जुबली होने नहीं पाई लेकिन जुबली तक पहुंचती पिक्चर उतर गई और शायद वो फील गुड का कुछ ऐसा रहा काम कम हुआ फील गुड ज्यादा करते बीजेपी के राइट जी कभी पढ़ी नहीं होगी आपको मैं यमराज को क्या मुझे कहा मुझे एक मेरी मुसलमान बहन ने बहुत ही प्यार से फोन किया कि धर्मेंद्र जी आप बीजेपी में क्यों जा रहे हो तो मेरे दिल को भी लगा कि यह जो कह रही हैं तब मुझे ख्याल आया कि शायद यह जमात सिर्फ हिंदुओं की है तो मैंने कहा कि मैं आपका
नुमाइंदा बनकर जा रहा हूं। मुसलमान भाइयों का नुमाइंदा बनकर जा रहा हूं। मेरे जैसा सेकुलर मेरे ख्याल से जो अपने आप को हिंदुस्तान का सबसे बड़ा सेुलर कहता हो उससे बड़ा सेकुलर मैं हूं। मैं किसी रिलीजन को प्रीच नहीं ना करता। आई बिलीव इन ह्यूमैनिटी। पर जिसको आदमी को जैसे आपकी इमेज है जिसको शराब, कबाब सबका एक नशा हो। वही राजनीति के गंदी कीड़े में कहां फस गया? मैं समझ गया आप शराब को आपकी बातें क्यों कर रहे हैं? आप मेरे बारे में काफी जानते हैं शायद। नहीं आपकी चर्चा हर दान पर क्या करूं मैं? जी हां मैं शराब पिया करता था बहुत। तेरे
मेरे प्यार के चर्चे हर जमान पे नहीं नहीं तेरे शराब शेर शबाब तेरे उसकी चर्चे हर जबान पे नहीं वो क्या था कि आप मैं समझ गया आपके इशारे आपके लिए एक शेर मैं कहूंगा जरूर के फरमाइए पी शराब बेहिसब ना रखा मा आशिकों का हिसाब संभाला किसे नहीं गिरने किसे दिया मिला मुझे मेरी वफाओं का सवाब वफाओं का हम वफा करते हैं साहब सबसे और आपके प्यार ने मुझे बुलाया तो आपके साथ भी वफा करने आए। तो वफा करने तो आ गए पर जवाल जी जितनी वफाई में आपने इतने सारे काम कर रहे हैं जो राजनीति में अभी उसके जो बीकानेर में आप पिछले ढाई साल के अंदर ढाई बार गए कि
नहीं गए? नहीं ये तो मेरे ख्याल से ढाई भी नहीं मेरे ख्याल उससे भी कम कर सकते हैं आप। लेकिन मैं वहां सबसे प्रॉब्लम पानी की प्रॉब्लम थी जिसके लिए मैं उस वक्त प्रियादास मुंशी जो है हमारे उस वक्त वो वाटर रिसोर्स के मिनिस्टर थे तो मैंने कहा दफ्तरों में जाता हूं बात करता हूं उनके पास गया उन्होंने फौरन पूरा हमला सबको बुलाया और मेरे काम के लिए शुरू किया कि ये ये काम होने हैं। उसके बाद मैंने सोचा था कि हमारे सीएम है पंजाब के पंजाबी हैं। वहां से पानी आता है। उनसे दरख्वास्त करूंगा मान लेंगे। लेकिन यहां आकर देखा कि वह तो पहले ही
कोर्ट में मामला चल रहा है ना वहां से पानी आ सकता है ना हरियाणा को नहीं मिल रहा राजस्थान को कम मिल रहा है बहुत से चक्कर हैं इनको सॉल्व करने के लिए वक्त लगता है और उस वक्त को मैं अभी उस चीज को मैं प्लानिंग में ला रहा हूं लगता है आपका दिल नहीं लग रहा दिल तो नहीं लग रहा आपका इश्क नहीं हो रहा नहीं इश्क नहीं इश्क कभी हो ही नहीं सकता है ये सियासत मेरे मैं जज्बाती आदमी हूं पर आपकी मां ने सोचा था कभी कि आप इस तरह का बन जाएंगे अजीब से मां ने सोच मां ने कुछ कहा ही होगा ना बेटे हर मां-बाप कुछ ना कुछ लेसन देते हैं। एक पर्सनालिटी डिफाइन करते हैं। आपकी मां ने
तो सोचा होगा। मां ने तो ये कहा था कि मैं फिल्मों में आना चाहता था तो मेरी मां ने कहा अर्जी भेज दो। तो बेचारी को नहीं मालूम था अर्जी से ये जगह नहीं पहुंच मिलती। तो शायद भगवान को उनके वो शब्द भगवान ने सुन लिए होंगे और फिल्मफेयर में छपा उसी साल के नए चेहरे चाहिए। विमल राय गुरुदत्त को तो अर्जी की तरह मैंने भर के भेज दिया और सिलेक्ट हो गया। एंड आई वास द विनर विनर ऑफ़ ऑल इंडिया टैलेंट का्टेस्ट। विमल राय गुरुदत्त विमल राय जी ने फिर बंदनी में मुझे रोल दिया। और एक फिल्म मेरी देख के धर्मवीर मेरी मां ने कहा कि बेटे ये श्रेया किसको जाता है? मैंने कहा भगवान को
और आप लोगों को। कहती हां ये जो तुम्हारा मासूम सा चेहरा है और तेरा ये शरीर है यह कॉम्बिनेशन मैंने दिया है तुम्हें। दिमाग की बात नहीं की। दिमाग बाबूजी बाबूजी स्कूल टीचर हां दिमाग मेरा तो क्या है कि लोग दिमाग इस्तेमाल करते हैं तभी तो कहां के कहां पहुंच जाते हैं मेरा तो दिमाग भी दिल है अच्छा मतलब आप दिल से हां अगर दिल से ही सब कुछ दिल नहीं दिल फेंक नहीं होता दिमाग इस्तेमाल करना चाहिए लेकिन दिमाग से मेरी मेरी वो उधर जा नहीं सकता अगर मैं दिमाग इस्तेमाल करता तो आज शायद फिल्म इंडस्ट्री में मैं किसी को हेडलाइंस बटोरने ना
नहीं वो तो मैं आपसे फिल्म इंडस्ट्री की तो बात करूंगा बाद में पर आपके जब फिल्म में जब आया पहली फिल्म जो आपको सुना मैंने ₹51 मिले उसके लिए आपको बहुत कुछ ज्यादा आपको जैसे चाटुकारिता करते हैं साइकोफसी करते हैं पैर पकड़ने पड़ते हैं नहीं नहीं ऐसा ऐसा कुछ नहीं मेरी सेल्फ रिस्पेक्ट से बढ़कर कोई चीज नहीं दुनिया में आई दिस इज द मोस्टेंट थिंग इन मी आई थिंक इस हर इंसान को सेल्फ रिस्पेक्ट जिसकी जो नहीं रखता तो वो कभी तरक्की नहीं करता आपका भाई बाप था नहीं फिल्म इंडस्ट्री में कि ना नहीं तो उसमें हम कोई जाके फिर हाथ तो नहीं जोड़ता था मैं कभी हां मिलने काम
मांगना जाके कहना कि मुझे तो वह तो वर्क इज वरशिप तो उसके लिए तपस्या करनी पड़ती है लेकिन भिखारियों की तरह जाके कहीं कुछ नहीं मिलता भिखारी कभी भगवान किसी को ना बनाए मैं गया और मुझे ये अर्जुन इंगानी थे उन्होंने कहा कि मैं आपको जरूर लूंगा अपनी फिल्म में तो मैं कहा मैं शायद मुझे लगता है आज मुझे 5 4 5000 तो मिलेगा साइनिंग अमाउंट तो अंदर साथ वाली कैबिन में बैठा था अंदर वो खुसरफुसर चल रही थी तीन लोग थे तो सुना कि 51 वो भी 17 जेब से निकाले उन्होंने तो खैर मैंने वो 51 लेके नीचे ही शेर पंजाब होटल में जाके पहले जी भर के
खाना खाया और उसके बाद शाम को ठर की बोतल खरीदी और दोस्तों ने जाके पी लिया ये पीने का शौक आपके कैसे लग गया कि पंजाब से नहीं पंजाब से नहीं था ये बस जाके एक्चुअली फिल्म इंडस्ट्री में जब पार्टियां अटेंड करनी शुरू की तो आहिस्ता-आहिस्ता सारे फिल्में काम करने के लिए पीना जरूरी होता है नहीं पीना इतना जरूरी नहीं होता इसलिए कि शराब के बगैर काम नहीं चलता। लेकिन लोग कोई बहाना ढूंढ लेते हैं कि फिल्म हिट हो गई, फिल्म शुरू हो रही है, फिल्म पिट गई। तो मौके ऐसे मौके पे देखिए पीने के बाद भी जब सिलेक्शन हुआ इतनी काफी 40 50 उम्र हो गई जब 10 हैंडसम लोग जो थे
10 लोग सबसे सुंदर उसमें आप आके सोने पे सुहागा हो गए हुए तो पीने के बाद भी आपकी शक्ल पे कोई असर नहीं शक्ल पे शायद मैं एक्सरसाइज नहीं छोड़ता था और कुछ भी हो जाए मैं सुबह उठ के अपने वर्ज भी करता हूं हमारे घर का जो जिम है वो हमारे लिए मंदिर है हम सब लोग एक्सरसाइज के वी आर एडिक्टेड मैं ऐसा नहीं सब ऑल इवन लेडीज सब वी डू दैट तो लस्सी पी शराब पी और दंड से पी सबका सब करते हैं आप हां ये ये ये होना ही चाहिए जीना चाहिए जिंदगी को कहां बार-बार मिलती है ये जिंदगी लेकिन किसी को हर्ट नहीं करना चाहिए मेरे ख्याल से मैंने जिंदगी में किसी को हर्ट नहीं
किया कुछ भी शराबी आपकी जिंदगी भी बड़ी मजेदार है किस तरह जीते हैं क्या-क्या किया आपने पूछूंगा जरूर बहुत कुछ पूछूंगा आप बताइए कि आपकी मां ने कहा था कि इनोसेंट चेहरा है आपका शरीर शरीर आपका जो है पहलवान की तरह इन दोनों का कॉम्बिनेशन दिमाग क्या आपने कहा आप दिल का दिमाग फिर इतने रोमांटिक फिल्म इसलिए की ना आप क्योंकि दिल आपका हर बार उसी तरह चला जाता था नहीं मैंने देखा है कि जी जो लोग दिमाग में रहते हैं ना तो उनकी तुलना शुरू हो जाती है तुलना करते-करते वो कभी सर पे बिठा लेते हैं कभी फिर गिरा देते हैं लेकिन दिल में जगह मिल जाए तो फिर तहे दिल
पहुंच जाता है आदमी आजकल के लड़के जो नए हीरो सलमान खान जैसे कमीज़ें उतार के फेंक देते हैं। मैंने देखा एक फिल्म में आपने सबसे पहले कमीज़ उतारी थी। हां, फूल और पत्थर में वह कमीज़ मैंने उतारी थी। वो एक्चुअली क्या सीन था? मैं आ रहा था कहीं से बाहर से ड्रिंक दारू वारू पी के। तो, वहां एक लीला चिटनेस ये उनका कैरेक्टर था। बूढ़ी लड़ी बाहर सर्दी का मौसम। तो मैंने डायरेक्टर से कहा कि रदन मैं अपनी कमीज अगर उतार के इन पे डाल दूं तो कैसा लगेगा? तो लगा यह तो सीन को और भी अपलिफ्ट करेगा क्योंकि ऊपर से वो मीना कुमारी जो हीरोइन थी वो देख रही थी कि
शराबी और कमीज उतार के आ रहा है तो क्या होगा डर रही थी वो कुछ उनकी धड़कन वहां धड़कनें तेज हो रही थी तो उस वो वो कुछ सोने पे सुहागे की तरह हो गया कि कमीज उतार के और पहली दफा और लोगों ने बहुत पसंद किया प्रेस में खूब छपा कि पहला हीरो फर्स्ट इंडियन हीरो जिसने कमीज उतारी और ये लगा वो लगा अच्छी खासी तारीफ मुझे मिली तो मैंने वो तारीफ मेरे सर को नहीं चली लगता है आजकल के लोगों के सर पे चढ़ जाती है। नहीं मेरे ख्याल से ज्यादा तारीफ सर पे भी चढ़ जाती है। तो कमीज उतारी थी आपने किसी का भला करने के लिए। आजकल कमीज उतारते हैं अपना शरीर
दिखाने के लिए। हां नहीं वो भी सही है। फर्क है ना उसमें? बिल्कुल नहीं। फिर उसके बाद मैंने एक फिल्म की धर्मवीर उसमें तो बिल्कुल ही वो रोमन टाइप की बॉडी थी। तो उसमें मैं सुबह उठ के डंड बैठक भी मारता था। ये शोले के दिनों की बात है तो शोले की बन रही थी उधर उसका सेट लगा हुआ था बोर में और अमित मेरे साथ सुबह जाता था जोड़ी अच्छी हां तो सुबह आया मेरे पास तो मैं तो बोलता है पाजी रात को ये भी वो भी और ये डंड बैठक भी है मैं हंसते हंसते मैंने कहा यार तू तेरे में विट बहुत है बोलते कम हो लेकिन जब बोलते हो तो [संगीत] काफी काफी अच्छी बात करते हो
जी एक बात बताइए उस आप चित्री फिल्में की आपने लगता नहीं था उस वक्त कि आपके शरीर और शक्ल दोनों ठीक थी पर एक्टिंग भी की वजह से आपको ढोल मिलते थे या आपकी शक्ल और शरीर को नहीं ये तो आप बता सकते हैं कि मेरे ख्याल से मैंने डिफरेंट काइंड ऑफ़ इंस्टेंट फिल्में आती है ना दो दिन होती है उसके बाद हो जाती नहीं उस वक्त तो हमारे वक्त तो खैर जुबली गोल्डन जुबली होती थी और वैरायटी ऑफ़ रोल से अगर मैंने अनुपमा और देवर की तो साथ में फूल और पत्थर थी और अगर मैंने मेरा गांव मेरा देश की तो साथ में नया जमाना थी, दोस्त थी। बहुत अच्छी-अच्छी पिक्चर
ऋषि ऋषि की सत्य कहां आई तो वन ऑफ़ द फाइन पिक्चर और गुड्डी एक फिल्म की मैंने की जया के साथ तो वो जया का फोटो सेशन हुआ था घर पे हमारे शुरू में। तो उन्होंने मुझे खुद कहा कि नरम जी मैं तो आपकी बहुत बड़ी फैन रही हूं। कटिंग रखती थी आपकी। तो उसके बाद सडनली बॉबी उसकी फिल्में देखता था छोटा था तो जेब में मैं देखा तो जया बहादुरी की फोटो तो मैं कौन है कहता है जया भदारू मैंने कहा जी मैं जया भदारू तो जया को मैंने बताया बहुत खुश हुई तो आपने कितनी एक्ट्रेसेस के काम की है तीन चार अभी बेशुमार सबसे ज्यादा फिल्में किसी के साथ की ज्यादा तो मेरे ख्याल से हेमा के साथ ही

हुई है हेमा के साथ काफी फिल्में और ज्यादा जुबली गोल्डन लिखा था किस्मत में ना ऐसा इसलिए नहीं एक अच्छा प्यार था मेरे ख्याल से। सबसे ज्यादा तंग किसने किया आपके एक्ट्रेस में? एक्ट्रेस में शुरू-शुर में ये आशा पारिका थी ना ये बहुत उसमें रहती थी। लेकिन आहिस्ता-आहिस्ता फिर मैं ऐसे हो गया वो ऐसे हो गई। ऐसे कहती रहती थी। नहीं नहीं वो एक शी वाज़ नाइस पर्सन वै उनके साथ शी वाज़ अ वेरी लकी हिडन बाय मी एंड ऑल उसके साथ मैंने पांच छह पिकें सब की सब गोल्डन जुबली थी। जीवन आया सावन झूम के आए दिन बाहर के और मेरा गांव मेरा देश समाधि सब हिट फिल्में थी उसके साथ सब ही
ठीक थी मेरे साथ कोई कई फिल्मों में आपको लगा नहीं कि परेशानी आई किसी डायरेक्टर के साथ किसी के साथ जिसमें आपको लगा छोड़ो यार एक दो दफा हुआ तो वो डायरेक्टर को फिर मैंने तज दिया मैं नाम नहीं लेना चाहता क्या परेशानी क्या हुई थी बस ऐसे नहीं दिया उन्होंने नहीं नहीं कुछ ईगो ईगो आ जाती है कि ये वो खैर ऐसे ऐसी बातें चलती रहती है। ईगो एक ऐसी इससे कंटजियस है बीमारी ना हो हमारी इंडस्ट्री में बहुत होती है। एक को ईगो तो दूसरे वाले को ईगो होना बहुत जरूरी हो जाता है। तो खैर मेरे साथ कम लोगों को थी ईगो मैं ईगो निकाल देता था। धर्मेश जी बात अगर आप अपनी फिल्म बनाना
चाहे ना तो कोई खर्चा नहीं होगा। हीरो भी आप हीरोइन आपकी हेमा जी। बेटा आपका एक बहुत बड़ा हीरो उसके अंदर बन जाएगा। मतलब बच्चन जी के बाद आपका परिवार है जिसमें सारे एक्टर घर के ही हैं। नहीं बच्चन जी का है। एक्चुअली देखा जाए तो आई विल गिव क्रेडिट टू राज कपूर। दे आई विल कॉल देम दे वर द रॉयल फैमिली ऑफ़ द फिल्म इंडस्ट्री एंड ही वाज़ द ग्रेटेस्ट शो मैन। फैमिली की फिल्म नहीं बनाएंगे आप। हेमा जी के साथ दोबारा देखेंगे। हेमा जी के साथ फिल्म एक्टिंग करते देखेंगे। ऐसा नहीं है कोई ऐसी पिक्चर आएगी तो क्यों नहीं करेंगे? जरूर करेंगे। कोई अच्छा
सब्जेक्ट आएगा तो करेंगे। बिल्कुल करेंगे। वैरी गुड। फिर मैं बनाऊंगा ये फिल्म आप दोनों को करेंगे। हां जरूर जरूर। हां तो उस वक्त आप राजकुमार जी की बात कर रहे थे कि उस तरह के लोग आजकल दिलीप जी हैं राजकुमार है। दिलीप साहब आई थिंक मेरे ख्याल से ही इस वन ऑफ़ द फाइन एक्टर जिनको देखकर मैं इंडस्ट्री में आया हूं। मैं ये कहूंगा कि फिल्म इंडस्ट्री का वो एक दरखशा आफताब है जिससे रोशनी चुराकर मैंने अपनी हसरतों के दिए की लॉ को रोशन किया है। उनके लिए मेरे मन में एक बेपनाह इज्जत सम्मान प्यार कुछ भी कह लीजिए। इसी तरह देव साहब हैं। मेरे
ख्याल से ऐसा हैंडसम ऐसा हैंडसम इंसान कंपटीशन ही होता था हैंडसम कौन होता थोड़े उम्र में बड़े हैं आप थे पर एक बार उस जमाने में आप इतने सारे लोग थे राज कपूर थे आप थे राजेंद्र कुमार थे राजेश खन्ना थे ये सब थे वहां नंबर वन नंबर टू नहीं होता कोई शहंशाह नहीं था कोई बादशाह नहीं था हां ऐसा ऐसे कोई था नंबर वन कौन होगा ये आजकल तो थोड़ा सा राजेश जब आए थे राजेश खन्ना ने शुरू किया था कि सुपरस्टार हुए। फिर जैसे मैं देख रहा था कि चलो मैं मैंने इसके लिए कुछ ज्यादा भागदौड़ नहीं की। फिर अमिताभ आए। तो एक आहिस्ताआहिस्ता ये बीमारी बढ़नी
शुरू हुई। और मैं अगर चाहता साहब तो उस वक्त जो आप जानते हैं कि पिक्चरें भी हिट हो रही थी 30 35 साल अगर मैं चाहता तो किसी को किसी अखबार की सुर्खी बटोरने नहीं देता। और आज हर चैनल के तीसरे फ्रेम पर मैं भी आ सकता था। मैं चाहता नहीं। मुझे रैट्रेस मुझे रैट्रेस से कोफ्त होती है। इसके लिए पता नहीं कितनी मेहनत करते होंगे लोग। 24 घंटे यही सोचते रहते होंगे कि मैं कौन से फ्रेम में कहां पहुंचूं। मैं क्या बन जाऊं। कल मेरा ये मतलब बेमाने चर्चा हो वो हो वो हो। ये कब तक है? नंबर वन नंबर दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है? आपके जमाने की फिल्में जो रीति रिवाज होते

थे और आज की फिल्में जो है बच्चे जो करते हैं अब क्या फर्क नजर आता है? अभी थोड़ा ऐसे मैं आई विल से कि चैटेज आ गई। अभी हाईटेक बात होती है ना सब कुछ हाईटेक होता जा रहा है। इंस्टेंट फूड इंस्टेंट फ़ूड हाईटेक और फटफट वो कंप्यूटरटर्स और दिस दैट इतनी फास्ट बात हो गई है। ठहराव नहीं लग रहा है। ऐसे लग रहा है कि भगदड़ है। एक दूसरे से आगे भाग रहे हैं। होड़ लगी हुई है। वो या तो सुकून सुख चैन मेरे ख्याल ये डिक्शनरी से निकल जाएंगी ये चीजें। ऐसे ऐसा वाश हो जाएंगी कि सुकून में कोई चीज होती है। सिर्फ पैसा पैसा और भागदौड़ इससे आगे उससे आगे। हर
जगह यही चल रहा है। आप शाश बहुत लिखने लग गए लगता है। हां किसी को आपको भी यकीन नहीं आ रहा कि धर्मेंद्र शायद है। और मैं ये कहूंगा इसके लिए कि बकलम खुद अल्फाज़ मेरे अशार हैं। आता नहीं खुद को भी यकीन। शायद इसलिए कि जमाने को भरोसा है धर्मेंद्र शायर हो सकता नहीं। मैं शायर नहीं। शायरी मुझे आती नहीं। तासरात हैं दिल के मेरे कलम ने है लिख दिए। आ तो ये है ये तासरा जो दिल पे जिसप जो बीती तो आती है फिर आदमी कलम के जरिए आपसे सीधी बात करने जा रहा हूं मैं फटाफट आपके हिसाब से सबसे बड़ा डायरेक्टर आपकी नजरों में कौन है क्या था मैं ऋषिकेश मुखर्जी को कहूंगा
ही इस वन ऑफ द बेस्ट डायरेक्टर विमल दा भी थे उनके साथ मैं काम एक ही फिल्म कर सका बंदनी उस वक्त के तो बहुत थे उस वक्त तो महबूब साहब थे महबूब खान तो एक ही होता है ना नहीं नंबर वन तो हम दे देते होगी जैसे उन्होंने नो नो वैरायटी ऑफ़ पिक्चर देते हैं ना अभी ये नहीं कौन है लेकिन ऋषिकेश इसलिए मैं कहता हूं कि वो साथ-साथ एडिटर उतना ही शॉट लेते थे जितना चाहिए और सबसे बड़े एक्टर आपके हिसाब से इस दौर में तो एक ही है जो ग्रेविटी से ऊपर चले गए हैं उनका नाम है अमिताभ बच्चन वो तो उस जो होती है ना ग्रेविटी अब उनको कोई खींच नहीं सकती
ग्रेविटी उस उम्र में भी वो ऊपर जा रहे हैं। ये वो पतंग है जिसको हम कभी चढ़ा के उसकी डोर बांध के देखते रहते थे कि उड़ रहा है। उड़ता ही रहेगा और भगवान उनको उड़ता रखे। लेकिन मेरे जो तो नहीं ना नेवर नेवर आई फील प्राउड छोटा भाई है मेरा और आज के एक्टर तो अमिताभ बच्चन उस जमाने के दिलीप साहब से बड़ा कोई नहीं। और सबसे बड़ा संगीतकार तो एसडी बर्मन और सबसे बड़ी खूबसूरत एक्टिंग किसने की? बीवी के अलावा आपकी सुचित्रा सेन बहुत पसंद है। अगर आपको फिर मौका मिले कि किसके साथ आपको पेयरिंग करनी पड़ेगी तो अपनी बीवी के अलावा किसके साथ करें? आज की फिल्म
ऐसा कुछ नहीं है। आज की फिल्म एक्ट्रेस आई थिंक प्रीटी एंड प्रीटी के साथ फाइन प्रीति प्रीटी
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